Navigation with Indian Constellation (NavIC) in Hindi / English

NavIC is designed with a constellation of 7 satellites and a network of ground stations operating 24 x 7.

Three satellites of the constellation are placed in geostationary orbit, and four satellites are placed in inclined geosynchronous orbit with equatorial crossing of 55°E and 111.75°E respectively, with inclination of 29°.

NavIC offers two services: Standard Position Service (SPS) for civilian users and Restricted Service (RS) for strategic users. NavIC coverage area includes India and a region up to 1500 km beyond Indian boundary.

NavIC क्या है?

  • परिचय:
    • NavIC या भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) को 7 उपग्रहों के समूह और 24×7 संचालित ग्राउंड स्टेशनों के नेटवर्क के साथ डिज़ाइन किया गया है।
      • इसमें कुल आठ उपग्रह हैं लेकिन अभी केवल सात ही सक्रिय हैं।
      • भूस्थैतिक कक्षा में तीन उपग्रह तथा भूतुल्यकालिक कक्षा में चार उपग्रह हैं।
    • तारामंडल का पहला उपग्रह (IRNSS-1A) 1 जुलाई, 2013 को लॉन्च किया गया था और आठवाँ उपग्रह IRNSS-1I अप्रैल, 2018 में लॉन्च किया गया था।
      • तारामंडल के उपग्रह (IRNSS-1G) के सातवें प्रक्षेपण के साथ वर्ष 2016 में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा IRNSS का नाम बदलकर NaVIC कर दिया गया।
    • इसे अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) द्वारा वर्ष 2020 में हिंद महासागर क्षेत्र में संचालन के लिये वर्ल्ड-वाइड रेडियो नेविगेशन सिस्टम (WWRNS) के एक भाग के रूप में मान्यता दी गई थी।
  • संभावित उपयोग:
    • स्थलीय, हवाई और समुद्री नेविगेशन;
    • आपदा प्रबंधन; Disaster management , Safety-of-life alert dissemination
    • वाहन ट्रैकिंग और बेड़ा प्रबंधन (विशेष रूप से खनन और परिवहन क्षेत्र के लिये);
    • मोबाइल फोन के साथ एकीकरण;
    • सटीक समय (ATM और पावर ग्रिड के लिये);
    • मैपिंग और जियोडेटिक डेटा कैप्चर।
    • स्थान आधारित सेवाएं
    • व्यक्तिगत गतिशीलता
    • संसाधन निगरानी
    • सर्वेक्षण एवं भूगणित
    • वैज्ञानिक अनुसंधान
    • समय प्रसार और तुल्यकालन
    • जीवन की सुरक्षा संबंधी चेतावनी का प्रसार

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