संघ और उसका राज्यक्षेत्र (Union and its Territory) | BPSC Prelims | भारतीय राजव्यवस्था
🔹 भूमिका (Introduction)
नमस्कार दोस्तों! 🙏
आज हम भारतीय संविधान के संघ और उसका राज्यक्षेत्र (Union and its Territory) विषय पर चर्चा करेंगे।
यह टॉपिक BPSC Prelims और अन्य सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
इस वीडियो में हम जानेंगे:
✅ संघ और उसके राज्यक्षेत्र की परिभाषा
✅ अनुच्छेद 1 से 4 का विवरण
✅ राज्यों के पुनर्गठन की प्रक्रिया
✅ नए राज्यों के निर्माण और सीमाओं में बदलाव
तो आइए शुरुआत करते हैं! 🚀
🔹 1️⃣ अनुच्छेद 1: भारत क्या है?
📜 अनुच्छेद 1 भारत को एक संघीय राष्ट्र घोषित करता है।
📌 “भारत, अर्थात् इंडिया, राज्यों का एक संघ होगा।”
🔹 संघ का अर्थ:
✅ भारत एक एकात्मक संप्रभुता वाला राष्ट्र है।
✅ संविधान के तहत राज्यों का निर्माण केंद्र सरकार द्वारा किया गया है।
✅ राज्यों को केंद्र से स्वतंत्र अस्तित्व प्राप्त नहीं है।
📌 भारत को संघ क्यों कहा गया?
डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कहा कि भारत राज्यों का “संघ” इसलिए है क्योंकि राज्यों को बिना उनकी सहमति के बदला जा सकता है।
🔹 2️⃣ अनुच्छेद 2: नए राज्यों का समावेश (Admission of New States)
📜 अनुच्छेद 2 संसद को यह शक्ति देता है कि वह किसी नए राज्य को भारत में सम्मिलित कर सकती है।
📌 जैसे: 1961 में गोवा, दमन और दीव को भारत में शामिल किया गया।
🔹 3️⃣ अनुच्छेद 3: राज्यों की सीमाओं में परिवर्तन (Formation of New States & Alteration of Boundaries)
📜 अनुच्छेद 3 संसद को अधिकार देता है कि वह:
✅ नए राज्यों का निर्माण कर सकती है।
✅ किसी राज्य के क्षेत्र को बढ़ा या घटा सकती है।
✅ राज्यों के नाम बदल सकती है।
📌 राज्य पुनर्गठन प्रक्रिया:
1️⃣ संबंधित राज्य की राय ली जाती है।
2️⃣ संसद कानून बनाकर सीमाओं में बदलाव कर सकती है।
3️⃣ राज्य की सहमति अनिवार्य नहीं है।
📌 उदाहरण:
➡️ 2000 में झारखंड, उत्तराखंड, और छत्तीसगढ़ का निर्माण।
➡️ 2014 में तेलंगाना का आंध्र प्रदेश से अलग होना।
🔹 4️⃣ अनुच्छेद 4: संसद की शक्ति (Power of Parliament)
📜 अनुच्छेद 4 यह स्पष्ट करता है कि संविधान संशोधन की आवश्यकता के बिना संसद नए राज्यों का निर्माण या सीमा परिवर्तन कर सकती है।
📌 मतलब?
➡️ संसद केवल एक साधारण कानून (Simple Majority) से राज्यों की सीमाओं में बदलाव कर सकती है।
🔹 5️⃣ भारतीय संघ का वर्तमान स्वरूप
✅ 28 राज्य और 8 केंद्रशासित प्रदेश (संशोधन के बाद)।
✅ 2019 में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग किया गया।
✅ राज्यों की सीमाएं समय-समय पर बदली जाती रही हैं।
📌 केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्र सरकार सीधे नियंत्रित करती है।
🔹 6️⃣ राज्यों के पुनर्गठन की ऐतिहासिक प्रक्रिया
(1) 1956: राज्य पुनर्गठन अधिनियम (State Reorganization Act, 1956)
📌 1953 में फजल अली आयोग बना, जिसने भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की सिफारिश की।
📌 1956 में 14 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों का गठन हुआ।
(2) 2000: 3 नए राज्यों का गठन
📌 झारखंड (बिहार से अलग हुआ)
📌 उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश से अलग हुआ)
📌 छत्तीसगढ़ (मध्य प्रदेश से अलग हुआ)
(3) 2014: तेलंगाना का निर्माण
📌 आंध्र प्रदेश से तेलंगाना अलग हुआ।
(4) 2019: जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन
📌 अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया।
📌 BPSC परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न:
1️⃣ भारत को संघ क्यों कहा जाता है?
2️⃣ अनुच्छेद 1, 2, 3 और 4 क्या हैं?
3️⃣ संसद को राज्यों की सीमाओं में परिवर्तन का अधिकार किस अनुच्छेद में दिया गया है?
4️⃣ कौन-सा कानून राज्यों के पुनर्गठन से संबंधित है?
5️⃣ कौन-से राज्य 2000 में बनाए गए थे?
🎯 संक्षेप में (Summary)
✅ अनुच्छेद 1 – भारत राज्यों का संघ है।
✅ अनुच्छेद 2 – नए राज्यों को भारत में शामिल करने की शक्ति।
✅ अनुच्छेद 3 – राज्यों की सीमाएं और नाम बदलने की शक्ति।
✅ अनुच्छेद 4 – संविधान संशोधन के बिना संसद बदलाव कर सकती है।
✅ 1956 का राज्य पुनर्गठन अधिनियम – भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन।
✅ 2000 में झारखंड, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ बने।
✅ 2014 में तेलंगाना बना, 2019 में जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन हुआ।
🔥 अगर यह वीडियो पसंद आया हो तो लाइक, शेयर और सब्सक्राइब जरूर करें!
अगले वीडियो में मिलते हैं, तब तक जय हिंद! 🇮🇳
💡 क्या आप इस टॉपिक पर MCQs और PDF नोट्स चाहते हैं? 🚀