71ST BPSC PRELIMS
About Lesson

अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र | BPSC Prelims | भारतीय राजव्यवस्था

🔹 भूमिका (Introduction)

नमस्कार दोस्तों! 🙏
आज हम अनुसूचित क्षेत्र (Scheduled Areas) और जनजातीय क्षेत्र (Tribal Areas) के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
यह टॉपिक BPSC Prelims और अन्य सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इस वीडियो में हम जानेंगे:
संविधान में अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों के प्रावधान।
पाँचवीं अनुसूची और छठी अनुसूची की विशेषताएँ।
इन क्षेत्रों की प्रशासनिक संरचना।
BPSC परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न।

तो आइए शुरुआत करते हैं! 🚀


🔹 भाग 1: अनुसूचित क्षेत्र (Scheduled Areas) – पाँचवीं अनुसूची

📌 1️⃣ अनुसूचित क्षेत्र क्या है?

अनुसूचित क्षेत्र वे क्षेत्र होते हैं जहाँ आदिवासी आबादी का घनत्व अधिक होता है और उनकी संस्कृति, परंपराओं एवं अधिकारों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
✅ यह प्रावधान संविधान की पाँचवीं अनुसूची (Fifth Schedule) के तहत आता है।


📌 2️⃣ अनुसूचित क्षेत्रों से संबंधित महत्वपूर्ण अनुच्छेद

अनुच्छेद विवरण
अनुच्छेद 244(1) अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित।
अनुच्छेद 339 आदिवासी कल्याण के लिए केंद्र सरकार की जिम्मेदारी।

📌 3️⃣ अनुसूचित क्षेत्रों की विशेषताएँ

राज्यपाल को विशेष शक्तियाँ प्राप्त होती हैं – वह इन क्षेत्रों के लिए विशेष नियम लागू कर सकता है।
आदिवासी समुदाय की संस्कृति और परंपराओं की रक्षा के लिए विशेष कानून बनाए जा सकते हैं।
अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को अधिक शक्तियाँ प्रदान की गई हैं।
पंचायती राज अधिनियम (PESA Act, 1996) के तहत इन क्षेत्रों को स्वशासन का अधिकार दिया गया है।

👉 भारत में अनुसूचित क्षेत्र:

  • झारखंड

  • छत्तीसगढ़

  • मध्य प्रदेश

  • राजस्थान

  • महाराष्ट्र

  • ओडिशा

  • आंध्र प्रदेश

  • गुजरात आदि।


🔹 भाग 2: जनजातीय क्षेत्र (Tribal Areas) – छठी अनुसूची

📌 1️⃣ जनजातीय क्षेत्र क्या है?

जनजातीय क्षेत्र मुख्य रूप से पूर्वोत्तर भारत के कुछ राज्यों में स्थित हैं, जहाँ आदिवासियों की आबादी अधिक है।
✅ इन क्षेत्रों का प्रशासन संविधान की छठी अनुसूची (Sixth Schedule) के तहत किया जाता है।
✅ यह अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में लागू होती है।


📌 2️⃣ जनजातीय क्षेत्रों से संबंधित महत्वपूर्ण अनुच्छेद

अनुच्छेद विवरण
अनुच्छेद 244(2) छठी अनुसूची के तहत जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित।
अनुच्छेद 275 जनजातीय क्षेत्रों के कल्याण के लिए विशेष अनुदान।

📌 3️⃣ जनजातीय क्षेत्रों की विशेषताएँ

इन क्षेत्रों में स्वायत्त जिला परिषदें (Autonomous District Councils – ADCs) बनाई जाती हैं।
दूरस्थ जनजातीय समुदायों की भाषा, संस्कृति और रीति-रिवाजों की रक्षा की जाती है।
राज्य सरकार की अनुमति के बिना बाहरी लोग भूमि नहीं खरीद सकते।
इन क्षेत्रों में न्यायिक और प्रशासनिक अधिकार जिला परिषदों को दिए गए हैं।

👉 पूर्वोत्तर राज्यों में कुल 10 स्वायत्त जिला परिषदें हैं:

  • असम में 3

  • मेघालय में 3

  • त्रिपुरा में 1

  • मिजोरम में 3


🔹 अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों के बीच अंतर

बिंदु अनुसूचित क्षेत्र (पाँचवीं अनुसूची) जनजातीय क्षेत्र (छठी अनुसूची)
लागू राज्य झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा आदि। असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम।
संविधान की अनुसूची पाँचवीं अनुसूची छठी अनुसूची
प्रशासनिक नियंत्रण राज्यपाल के विशेष आदेश द्वारा। स्वायत्त जिला परिषदों द्वारा।
स्थानीय स्वशासन पंचायतों के माध्यम से। स्वायत्त जिला परिषदों द्वारा।
न्यायिक अधिकार राज्य सरकार के पास। जिला परिषदों को न्यायिक अधिकार प्राप्त होते हैं।

🔹 भाग 3: BPSC परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न

1️⃣ अनुसूचित क्षेत्र और जनजातीय क्षेत्र में क्या अंतर है?
2️⃣ पाँचवीं और छठी अनुसूची किन राज्यों में लागू होती है?
3️⃣ अनुसूचित क्षेत्रों से संबंधित महत्वपूर्ण अनुच्छेद कौन-कौन से हैं?
4️⃣ भारत में कितनी स्वायत्त जिला परिषदें हैं और वे किन राज्यों में हैं?
5️⃣ अनुसूचित क्षेत्रों में राज्यपाल की क्या विशेष शक्तियाँ होती हैं?


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अगले वीडियो में मिलते हैं, तब तक जय हिंद! 🇮🇳