संविधान संशोधन और आपातकालीन प्रावधान | BPSC Prelims | भारतीय राजव्यवस्था
🔹 भूमिका (Introduction)
नमस्कार दोस्तों! 🙏
आज हम संविधान संशोधन (Amendment) और आपातकालीन प्रावधान (Emergency Provisions) के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
यह टॉपिक BPSC Prelims और अन्य सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस वीडियो में हम जानेंगे:
✅ संविधान संशोधन की प्रक्रिया
✅ महत्वपूर्ण संविधान संशोधन
✅ आपातकालीन प्रावधानों के प्रकार और उनके प्रभाव
✅ अनुच्छेद 352, 356 और 360 का विवरण
✅ आपातकाल से जुड़े ऐतिहासिक उदाहरण
तो आइए शुरुआत करते हैं! 🚀
🔹 भाग 1: संविधान संशोधन (Amendment of the Constitution)
📌 1️⃣ संविधान संशोधन क्या है?
✅ संविधान में समय-समय पर परिवर्तन या सुधार करने की प्रक्रिया को “संविधान संशोधन” कहा जाता है।
✅ यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 368 में दी गई है।
✅ भारत का संविधान कठोर (Rigid) और लचीला (Flexible) दोनों है, क्योंकि कुछ संशोधन सामान्य बहुमत से किए जा सकते हैं, जबकि कुछ के लिए संसद और राज्यों की सहमति आवश्यक होती है।
📌 2️⃣ संविधान संशोधन की विधियाँ (Methods of Amendment)
संविधान में संशोधन तीन प्रकार से किए जा सकते हैं:
1️⃣ साधारण बहुमत से संशोधन (Simple Majority Amendment)
👉 इन संशोधनों के लिए संसद के दोनों सदनों में सिर्फ साधारण बहुमत (50% से अधिक उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्य) की आवश्यकता होती है।
🔹 उदाहरण:
✅ अनुच्छेद 4 – नए राज्यों का निर्माण और सीमाओं में परिवर्तन।
✅ अनुच्छेद 169 – राज्यों में विधान परिषद की स्थापना या उन्मूलन।
2️⃣ विशेष बहुमत से संशोधन (Special Majority Amendment)
👉 संसद के दोनों सदनों में कम से कम दो-तिहाई (2/3rd) बहुमत से पारित होना आवश्यक है।
🔹 उदाहरण:
✅ अनुच्छेद 368 के तहत अधिकांश संशोधन इसी श्रेणी में आते हैं।
✅ 42वां संविधान संशोधन (1976) – प्रस्तावना में “समाजवादी” और “धर्मनिरपेक्ष” शब्द जोड़े गए।
3️⃣ विशेष बहुमत + राज्यों की सहमति (Special Majority + State Ratification)
👉 इसमें संसद में विशेष बहुमत से पारित होने के बाद, कम से कम आधे राज्यों की विधानसभाओं द्वारा इसे अनुमोदित (Ratify) किया जाता है।
🔹 उदाहरण:
✅ अनुच्छेद 368 – केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों के वितरण से जुड़े संशोधन।
✅ अनुच्छेद 246A – वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू करने के लिए संशोधन।
📌 3️⃣ महत्वपूर्ण संविधान संशोधन (Major Constitutional Amendments)
संशोधन संख्या | वर्ष | प्रभाव |
---|---|---|
7वां संशोधन | 1956 | राज्यों का पुनर्गठन। |
24वां संशोधन | 1971 | संसद को मौलिक अधिकारों में संशोधन करने की शक्ति दी। |
42वां संशोधन | 1976 | संविधान को “समाजवादी” और “धर्मनिरपेक्ष” घोषित किया, मौलिक कर्तव्य जोड़े। |
44वां संशोधन | 1978 | मौलिक अधिकारों की रक्षा की और आपातकालीन प्रावधानों में सुधार किया। |
73वां संशोधन | 1992 | पंचायत राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा दिया। |
101वां संशोधन | 2016 | GST (वस्तु एवं सेवा कर) लागू किया। |
🔹 भाग 2: आपातकालीन प्रावधान (Emergency Provisions)
📌 1️⃣ आपातकाल क्या है? (What is Emergency?)
✅ संविधान में अनुच्छेद 352 से 360 तक आपातकालीन प्रावधान दिए गए हैं।
✅ आपातकाल की स्थिति में केंद्र सरकार को अधिक शक्तियाँ मिल जाती हैं और कुछ मौलिक अधिकार निलंबित किए जा सकते हैं।
✅ भारत में तीन प्रकार के आपातकाल होते हैं:
📌 2️⃣ आपातकाल के प्रकार (Types of Emergency in India)
1️⃣ राष्ट्रीय आपातकाल (National Emergency) – अनुच्छेद 352
✅ लागू होने का कारण:
👉 यदि देश पर युद्ध (War), बाहरी आक्रमण (External Aggression) या सशस्त्र विद्रोह (Armed Rebellion) होता है।
✅ इसे राष्ट्रपति लागू करते हैं, लेकिन संसद की मंजूरी 1 महीने के भीतर आवश्यक होती है।
✅ लोकसभा हर 6 महीने में इसे पुनः पारित कर सकती है।
✅ प्रभाव:
👉 केंद्र सरकार की शक्ति बढ़ जाती है।
👉 अनुच्छेद 19 के तहत मौलिक अधिकार निलंबित हो जाते हैं।
👉 संघीय व्यवस्था कमजोर हो जाती है।
✅ भारत में 3 बार राष्ट्रीय आपातकाल लगाया गया है:
1️⃣ 1962 – भारत-चीन युद्ध के दौरान।
2️⃣ 1971 – भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान।
3️⃣ 1975 – आंतरिक संकट (इंदिरा गांधी सरकार द्वारा)।
2️⃣ राज्य आपातकाल (President’s Rule) – अनुच्छेद 356
✅ लागू होने का कारण:
👉 यदि किसी राज्य की सरकार संविधान के अनुसार कार्य नहीं कर पाती, तो राष्ट्रपति उस राज्य में राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) लागू कर सकते हैं।
✅ प्रभाव:
👉 राज्य की विधान सभा निलंबित/भंग हो सकती है।
👉 राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल को हटा दिया जाता है।
👉 राज्य की शक्तियाँ केंद्र सरकार को मिल जाती हैं।
✅ भारत में कई बार राज्य आपातकाल लागू किया गया है, विशेषकर 1977 में जब जनता पार्टी सरकार ने कई राज्यों की सरकारों को बर्खास्त कर दिया था।
3️⃣ वित्तीय आपातकाल (Financial Emergency) – अनुच्छेद 360
✅ लागू होने का कारण:
👉 यदि भारत की आर्थिक स्थिति गंभीर रूप से संकटग्रस्त हो जाए।
✅ प्रभाव:
👉 राज्य और केंद्र के कर्मचारियों के वेतन में कटौती की जा सकती है।
👉 संसद को सभी वित्तीय मामलों पर पूर्ण नियंत्रण मिल जाता है।
✅ अब तक भारत में कभी वित्तीय आपातकाल लागू नहीं किया गया है।
📌 3️⃣ BPSC परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न:
1️⃣ संविधान संशोधन की प्रक्रिया कौन से अनुच्छेद में दी गई है?
2️⃣ भारत में अब तक कितनी बार राष्ट्रीय आपातकाल लगाया गया है?
3️⃣ अनुच्छेद 356 किससे संबंधित है?
4️⃣ 44वें संविधान संशोधन का महत्व क्या है?
5️⃣ कौन-सा संशोधन संविधान की प्रस्तावना में “समाजवादी” और “धर्मनिरपेक्ष” जोड़ता है?
🔥 अगर यह वीडियो पसंद आया हो तो लाइक, शेयर और सब्सक्राइब जरूर करें!
अगले वीडियो में मिलते हैं, तब तक जय हिंद! 🇮🇳