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- केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग केंद्रों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
दिशा-निर्देशों में क्या कहा गया है?
दिशा-निर्देशों में सबसे पहले कोचिंग केंद्रों के पंजीकरण को लेकर निर्देश हैं। इनमें से कुछ अहम हैं जैसे-
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- कोई व्यक्ति कोचिंग केंद्र के पंजीकरण कराने के बाद ही कोचिंग प्रदान करेगा या कोचिंग केंद्र स्थापित, संचालित या प्रबंधित करेगा या उसका रख-रखाव करेगा।
- तीन महीने की अवधि के भीतर पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा
- पंजीकरण की समाप्ति की तारीख से दो महीने पहले पंजीकृत कोचिंग केंद्र को पंजीकरण प्रमाण-पत्र के नवीनीकरण के लिए आवेदन करना होगा।
- सरकार कोचिंग केंद्र के पंजीकरण को सुविधाजनक बनाने के लिए एक वेब पोर्टल बनाएगी।
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- कोई भी कोचिंग केंद्र स्नातक से कम योग्यता प्राप्त ट्यूटर्स को नियुक्त नहीं करेगा।
- अभिभावकों या छात्रों को कोचिंग केंद्र में नामांकन कराने के लिए भ्रामक वादे या रैंक अथवा अच्छे अंकी की गारंटी नहीं देगा।
- 16 वर्ष से कम आयु के छात्र का नामांकन नहीं करेगा या छात्र का नामांकन माध्यमिक स्कूल परीक्षा के बाद ही किया जाना चाहिए।
- कोचिंग की गुणवता, सुविधाओं और छात्रों के नतीजों से जुड़े किसी भी दावे से संबंधित कोई भी भ्रामक विज्ञापन नहीं किया जाएगा।
- ऐसे किसी भी ट्यूटर या व्यक्ति की सेवाएं नहीं लेगा, जिसे किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो।
- कोचिंग केंद्र के पास ट्यूटर्स की योग्यता, पाठ्यक्रम पूरा होने की अवधि, छात्रावास सुविधाएं (यदि हो) और फीस, कोचिंग करने वाले छात्रों की संख्या और अंततः उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाने में सफल छात्रों की संख्या आदि का अपडेटेड विवरण देने वाली एक वेबसाइट होगी।
(1) विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए ली जाने वाली ट्यूशन फीस उचित और तर्कसंगत होगी और इसकी रसीदें उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
(2) कोचिंग केंद्र नामांकित छात्रों को नोट्स और अन्य सामग्री बिना किसी अलग फीस के प्रदान करेंगे।
(3) यदि छात्र ने पाठ्यक्रम के लिए पूरा भुगतान कर दिया है और वह निर्धारित अवधि के बीच में पाठ्यक्रम छोड़ देता है, तो छात्र को शेष अवधि के लिए पहले जमा की गई फीस में से आनुपातिक आधार पर 10 दिनों के भीतर शेष राशि वापस कर दी जाएगी। यदि छात्र कोचिंग केंद्र के छात्रावास में रह रहा है, तो छात्रावास की फीस और मेस फीस आदि भी वापस की जाएगी।
(4) किसी भी परिस्थिति में, वह फीस जिसके आधार पर किसी विशेष पाठ्यक्रम और अवधि के लिए नामांकन किया गया है, उसे पाठ्यक्रम की अवधि के दौरान नहीं बढ़ाया जाएगा।
पाठ्यक्रम और कक्षाओं के बारे में क्या है? जारी किए गए दिशा-निर्देशों में सरकार ने कोचिंग संस्थाओं में दी जा रही शिक्षा के तौर तरीकों को भी ध्यान में रखा है। इसके लिए कई प्रावधान रखे गए हैं, जैसे--
- कोचिंग केंद्र निर्धारित समय में कक्षाएं पूरी करने का प्रयास करेगा।
- स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों के उनके संस्थानों के समय के दौरान कोचिंग कक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी।
- पाठ्यक्रम या कक्षा समय सारिणी को इस प्रकार तैयार किया जाना चाहिए कि छात्रों को आराम करने और पढ़ाई के लिए पुनः तैयार होने का समय मिले और उन पर अतिरिक्त दबाव न बने।
- कोचिंग केंद्र यह सुनिश्चित करेगा कि छात्रों और शिक्षकों को साप्ताहिक अवकाश मिले।
- साप्ताहिक अवकाश के अगले दिन कोई मूल्यांकन परीक्षा या अन्य कोई परीक्षा नहीं होगी।
- कोचिंग केंद्र इस तरह से कोचिंग कक्षाएं संचालित करेंगे कि यह किसी भी छात्र के लिए अत्यधिक न हो और यह एक दिन में पांच घंटे से अधिक न हो और कोचिंग का समय न तो सुबह बहुत जल्दी हो और न ही शाम को बहुत देर तक हो।
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- प्रत्येक कक्षा या बैच में नामांकित छात्रों की संख्या को विवरण पुस्तिका में स्पष्ट रूप से दर्ज किया जाए और वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाए।
- पाठ्यक्रम की अवधि के दौरान कक्षा या बैच में ऐसे नामांकन में वृद्धि नहीं की जाएगी।
- इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के विकल्पों के अलावा छात्रों को अन्य करियर विकल्पों के बारे में जानकारी प्रदान की जाए।
- छात्रों और अभिभावकों को इस बात से अवगत कराया जाएगा कि कोचिंग केंद्र में प्रवेश मेडिकल, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, कानून आदि संस्थानों में प्रवेश या प्रतियोगी परीक्षा में किसी भी तरह से सफलता की गारंटी नहीं है।
- कोचिंग केंद्र को मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों के सहयोग से छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में समय-समय पर विशेष सत्र आयोजित करने चाहिए।
- कोचिंग केंद्र अपने द्वारा आयोजित की गई मूल्यांकन परीक्षा के परिणाम को सार्वजनिक नहीं करेगा।