भारत ओमान संबंध
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की। दोनों नेताओं के बीच नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में कई मुद्दों पर वार्ता हुई। इनमें भारत-ओमान संयुक्त दृष्टिकोण भविष्य के लिए साझेदारी समेत कई विषय शामिल हैं। बता दें कि 26 साल बाद कोई ओमान के सुल्तान भारत आए हैं।
- पृष्ठभूमि:
- अरब सागर के पार के दोनों देश भूगोल, इतिहास तथा संस्कृति से जुड़े हुए हैं तथा उनके बीच मधुर एवं सौहार्दपूर्ण संबंध हैं, जिसका श्रेय ऐतिहासिक समुद्री व्यापार संबंधों को दिया जाता है।
- ओमान सल्तनत, खाड़ी में भारत का एक सामरिक साझेदार है तथा खाड़ी सहयोग परिषद (GCC), अरब लीग और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) मंच पर एक महत्त्वपूर्ण वार्ताकार रहा है।
- गांधी शांति पुरस्कार 2019 स्वर्गीय एच.एम. सुल्तान कबूस को भारत और ओमान के बीच संबंधों को मज़बूत करने में उनके नेतृत्त्व और खाड़ी क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों के लिये मान्यता प्रदान की गयी है।
ओमान के बारे में मुख्य तथ्य:
- सीमावर्ती देश:
- उत्तर पश्चिम में संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
- पश्चिम और दक्षिणपश्चिम में सऊदी अरब
- दक्षिण पश्चिम में यमन
- मरुस्थल:
- ओमान में सबसे बड़ा मरुस्थल रब अल खली या “एम्प्टी क्वार्टर” है, जो विश्व के सबसे बड़े अविरल रेतीले मरुस्थलों में से एक है।
- नदी:
- ओमान में बारहमासी नदियाँ नहीं हैं; हालाँकि, मौसमी बारिश के दौरान, वादियाँ (मौसमी नदी तल) जल के साथ प्रवाहित होती हैं।
- सबसे उल्लेखनीय वादी बानी खालिद है, जो अपने प्राकृतिक तालाबों और आश्चर्यजनक दृश्यों के लिये प्रसिद्ध है।
- सबसे ऊँचा पर्वत:
- अल हजर पर्वत शृंखलाओं में स्थित जेबेल शम्स, ओमान का सबसे ऊँचा पर्वत है।
- भूगोल:
- ओमान अरब प्रायद्वीप के दक्षिणपूर्वी तट पर स्थित है, जो अरब सागर, ओमान की खाड़ी और फारस की खाड़ी से घिरा हुआ है।

रक्षा संबंध:
- संयुक्त सैन्य सहयोग समिति (JMCC):
- JMCC रक्षा के क्षेत्र में भारत और ओमान के बीच जुड़ाव का सर्वोच्च मंच है।
- इसकी वार्षिक बैठक होने की संभावना है, वर्ष 2018 में जब 9वीं JMCC की बैठक ओमान में आयोजित की गई थी तब से इसका आयोजन नहीं किया जा सका है।
- सैन्य अभ्यास:
- सैन्य अभ्यास: अल नजाह
- वायु सेना अभ्यास: ईस्टर्न ब्रिज़
- नौसैनिक अभ्यास: नसीम अल बह्र
- आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंध:
- संयुक्त आयोग बैठक (JCM) और संयुक्त व्यापार परिषद (JBC) जैसे संस्थागत तंत्र भारत और ओमान के बीच आर्थिक सहयोग की देखरेख करते हैं।
- भारत ओमान के शीर्ष व्यापारिक भागीदारों में से एक है।
- वर्ष 2022 के लिये ओमान के कच्चे तेल निर्यात के लिये चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा बाज़ार है।
- भारत वर्ष 2022 के लिये ओमान के गैर-तेल निर्यात के लिये संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और सऊदी अरब के बाद चौथा सबसे बड़ा बाज़ार है और संयुक्त अरब अमीरात के बाद इसके आयात का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है।
- भारतीय कंपनियों ने ओमान में लोहा और इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, कपड़ा आदि क्षेत्रों में निवेश किया है।
- भारत-ओमान संयुक्त निवेश कोष (OIJIF) भारतीय स्टेट बैंक और ओमान के राज्य जनरल रिज़र्व फंड (SGRF) के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जो भारत में निवेश करने के लिये एक विशेष प्रयोजन वाहन है।
- ओमान में भारतीय समुदाय:
- ओमान में लगभग 6.2 लाख भारतीय हैं, जिनमें से लगभग 4.8 लाख श्रमिक और पेशेवर हैं। ओमान में 150-200 वर्षों से भी अधिक समय से भारतीय परिवार रह रहे हैं।
- भारत और ओमान के बीच आर्थिक और रक्षा संबंध भी हैं:
- ओमान, भारत के साथ औपचारिक रक्षा सहयोग करने वाला खाड़ी क्षेत्र का पहला देश था. भारत के तीनों सशस्त्र बल ओमान के साथ द्विपक्षीय अभ्यास करते हैं.
- भारत और ओमान ने भारतीय अध्ययन-हिंदी भाषा के ICCR चेयर की स्थापना पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है.
- भारत और ओमान के बीच एक समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते (सेपा) पर जल्द लागू करने को लेकर भी सहमति बनी है.
- दोनों देशों के बीच अपनी-अपनी मुद्राओं में स्थानीय कारोबार करने को लेकर भी बातचीत शुरू हो गई है.
- ओमान में भारतीय समुदाय को देश के सबसे समृद्ध समुदायों में से एक माना जाता है. 2010 की जनगणना के मुताबिक, ओमान की 2.3 मिलियन की कुल आबादी का लगभग 20% भारतीय हैं
भारत के लिये ओमान का सामरिक महत्त्व क्या है?
- ओमान होर्मुज़ जलडमरूमध्य के प्रवेश द्वार पर है जिसके माध्यम से भारत अपने तेल आयात का पाँचवाँ हिस्सा आयात करता है।
- रक्षा सहयोग मज़बूत भारत-ओमान रणनीतिक साझेदारी के लिये एक प्रमुख स्तंभ के रूप में उभरा है। रक्षा आदान-प्रदान एक फ्रेमवर्क एमओयू द्वारा निर्देशित होते हैं जिसे हाल ही में 2021 में नवीनीकृत किया गया था।
- खाड़ी क्षेत्र में ओमान एकमात्र देश है जिसके साथ भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेवाएँ नियमित द्विपक्षीय अभ्यास और स्टाफ वार्ता आयोजित करती हैं, जिससे पेशेवर स्तर पर घनिष्ठ सहयोग तथा विश्वास संभव होता है।
- ओमान हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) में भी सक्रिय रूप से भाग लेता है।
- हिंद महासागर क्षेत्र में अपने पदचिह्न का विस्तार करने के लिये एक रणनीतिक कदम में भारत ने सैन्य उपयोग और रसद सहायता के लिये ओमान में डुक्म(Duqm) के प्रमुख बंदरगाह तक पहुँच हासिल कर ली है। यह क्षेत्र चीनी प्रभाव और गतिविधियों का मुकाबला करने के लिये भारत की समुद्री रणनीति का हिस्सा है।
- डुक्म बंदरगाह ओमान के दक्षिणपूर्वी समुद्री तट पर अरब सागर और हिंद महासागर की ओर स्थित है।
- यह रणनीतिक रूप से ईरान में चाबहार बंदरगाह के नज़दीक स्थित है। सेशेल्स में विकसित किये जा रहे असेम्प्शन द्वीप और मॉरीशस में अगालेगा के साथ डुक्म भारत के सक्रिय समुद्री सुरक्षा रोडमैप के अनुरूप है।
आगे की राह
- भारत के पास अपनी वर्तमान या भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये पर्याप्त ऊर्जा संसाधन नहीं हैं। तेज़ी से बढ़ती ऊर्जा मांग ने ओमान जैसे देशों के साथ दीर्घकालिक ऊर्जा साझेदारी की आवश्यकता में योगदान दिया है।
- ओमान का दुकम बंदरगाह पूर्व को पश्चिम एशिया से जोड़ने वाले अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग लेन के मध्य में स्थित है।
- भारत को ओमान के साथ जुड़ने और दुकम बंदरगाह औद्योगिक शहर से उत्पन्न अवसरों का उपयोग करने के लिये पहल करने की आवश्यकता है।
- भारत को क्षेत्र में रणनीतिक संबंध बढ़ाने और हिंद महासागर के पश्चिमी व दक्षिणी हिस्से में अपने इंडो-पैसिफिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिये ओमान के साथ मिलकर काम करना चाहिये।