निबन्ध लिखते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए-
(1) निबन्ध लिखने से पूर्व सम्बन्धित विषय का पर्याप्त ज्ञान होना चाहिए।
(2) क्रमबद्ध रूप से विचारों को लिखा जाये।
(3) निबन्ध की भाषा रोचक एवं सरल होनी चाहिए।
(4) निबन्ध के वाक्य छोटे-छोटे तथा प्रभावशाली होने चाहिए।
(5) निबन्ध संक्षिप्त होना चाहिए। अनावश्यक बातें नहीं लिखनी चाहिए।
(6) व्याकरण के नियमों और विरामादि चिह्नों का उचित प्रयोग होना चाहिए।
(7) विषय के अनुसार निबन्ध में मुहावरों का भी प्रयोग करना चाहिए। मुहावरों के प्रयोग से निबन्ध सशक्त बनता है।
(8) निबंध के विषय पर अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करें।
(9) आरंभ, मध्य अथवा अंत में किसी उक्ति अथवा विषय से संबंधित कविता की पंक्तियों का उल्लेख करें।
(10) निबंध की शब्द-सीमा का ध्यान रखें और व्यर्थ की बातें न लिखें अर्थात विषय से न हटें।
(11) विषय से संबंधित सभी पहलुओं पर अपने विचार प्रकट करें।
(12) सभी अनुच्छेद एक दूसरे से जुड़े हों।
(13) वर्तनी व भाषा की शुद्धता, लेख की स्वच्छ्ता एवं विराम-चिह्नों पर ध्यान दें।

पाठ्यक्रम में निबन्ध-लेखन को क्यों समाहित किया गया –
1. विद्यार्थी अपने विचारों को एकत्र करना सीख पाए।
2. विचारों को संतुलित तरीके से व्यक्त कर पाएं।
3. भाषा को उपयुक्त रूप से प्रयोग करना सीख पाएं।
4. किसी भी विषय पर छात्रों के स्वयं के विचार हों।
5. उनका वैचारिक स्तर निश्चित हो सके।
6. संवेदनात्मक व वैचारिक स्तर पर परिपक्व हो सके।
7. वे अपने विचारों को सकारात्मक दिशा दे पाए।
8. अपने विचारों को दृढ़ता से रखना सीख सके।
9. आलोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित हो सके।
10. रटन्तू तोता न बन विचारशील प्राणी बन सके।