अंतरिक्ष क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल)

पिछले तीन वर्षों से इसरो लगातार अंतरिक्ष क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) का लाभ प्राप्त कर रहा है

  • इसरो लगातार अंतरिक्ष क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और मशीन लर्निंग (शिक्षण) का लाभ प्राप्त कर रहा है और इन क्षेत्रों में तेजी से हो रहे तकनीकी विकास के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है।
  • लॉन्चिंग वाहनों, अंतरिक्ष यान परिचालन, बिग डेटा एनालिटिक्स, अंतरिक्ष रोबोटिक्स, अंतरिक्ष यातायात प्रबंधन सहित अन्य के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग समाधान विकसित किए जा रहे हैं।
  • अंतरिक्ष विभाग द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में शुरू की जा रही परियोजनाएं व कार्यक्रम, व्यवहार्यता अध्ययन और कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।

इनमें प्रमुख हैं–

    1. लॉन्चिंग वाहन और अंतरिक्ष यान मिशन प्रक्षेपवक्र डिजाइन और स्वायत्त परिचालन
    2. प्रक्षेपण यान और उपग्रहों की स्थिति की निगरानी और टेलीमेट्री डेटा से भविष्यवाणी
    3. संसाधन मानचित्रण, मौसम पूर्वानुमान, आपदा पूर्वानुमान, भू-बुद्धिमत्ता (वस्तु और परिवर्तन का पता लगाना), सटीक कृषि, कृषि वानिकी आदि के लिए उपग्रह डेटा प्रोसेसिंग।
    4. मानवीकृत रोबोट और चैटबॉट
    5. अंतरिक्ष रोबोटिक्स और अंतरिक्ष में स्मार्ट विनिर्माण

अंतरिक्ष अन्वेषण को बढ़ाने के संबंध में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की प्रमुख उपलब्धियों और परिणामों में शामिल हैं –

    1. भारत के रिमोट सेंसिंग, मौसम विज्ञान, संचार, नेविगेशन उपग्रहों का सैटेलाइट डेटा विश्लेषण और प्रोसेसिंग
    2. भू-प्रेक्षण एप्लीकेशनों की डिलीवरी – फसल उपज भविष्यवाणी, मौसम पूर्वानुमान व तात्कालिक पूर्वानुमान, आपदा पूर्वानुमान, भूमि उपयोग भूमि कवर मानचित्र, शहरी विस्तार योजना, अतिक्रमण का पता लगाना, निर्माण, बस्तियां, शहरी जल निकाय, वन कवर परिवर्तन, सड़कें, बांध, जहाज, पोत आदि
    3. अंतरग्रहीय मिशन- चंद्रयान और मंगल मिशन, जिसमें लैंडिंग स्थल की पहचान सहित चंद्रयान-3 की कक्षा का युक्तिचालन और सॉफ्ट लैंडिंग शामिल है

अंतरिक्ष विभाग इसरो केंद्रों में अंतरिक्ष क्षेत्र में तेज गति से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) समाधान अपनाने के लिए कई कदम उठा रहा है और निजी क्षेत्र को भी इसके लिए प्रोत्साहित कर रहा है। एआई प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष क्षेत्र में इसके अनुप्रयोगों की प्रगति पर तकनीकी आदान-प्रदान को सक्षम करने के लिए सभी केंद्रों की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। दीर्घावधि में चर्चा की जा रही कुछ पहलों में एआई के लिए समर्पित प्रयोगशालाओं की स्थापना की व्यवहार्यता, संबंधित केंद्रों पर कौशल विकास कार्यक्रम के माध्यम से एआई प्रौद्योगिकियों में कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना और विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के एआई कार्यक्रमों/कार्यशालाओं/सम्मेलनों/सेमिनारों का आयोजन शामिल है।

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